Love Ghazal in Hindi – Romantic Ghazals
चांदनी रात और निखरती है
जब सरे – आम वो टहलती है ||
गेंसू उसके जो छू के आये हवा
मस्त होकर फ़ज़ां महकती है ||
चाँद चुप कर निहारे जब उसको
चांदनी दिल ही दिल में जलती है ||
रूखे-रोशन चूमे किरण कोई
यूँ लगें रात – रानी खिलती है ||
देख कर कातिल ये हुस्न तुम्हारा
दिल मचलता है रूह जलती है ||
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दिल्लगी न समझो, मुहब्बत हमारी
हमीं जानते है, हकीकत हमारी ||
बता दें तुम्हे हम, अगर पूछते हो
तुम्ही जान ही, तुम हो जन्नत हमारी ||
यकीं तुम की कैसे दिलाएं बता दो
तुम्ही तो सनम हो इबादत हमारी ||
तुम्हे क्या खबर किस कदर जी रहे है
हमेशा तड़पती है हसरत हमारी ||
मगर फिर भी तुम याद करना ना हमको
जरा गौर करना हिदायत हमारी ||
सफर ज़िन्दगी का तुम्हे हो मुबारक
है मर-मर के जीना तो आदत हमारी ||
कभी काम तेरे अगर आ सके तो
करम हो खुदा का, हो किस्मत हमारी ||
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कर गए हम सभी से किनारा , जब से तुमने दिया है सहारा
बस यही इल्तिज़ा है हमारी, साथ देना सदा तू हमारा ||
बात नजरो से तुम कह गए थे , हम ने समझा तुम्हारा इशारा
नींद से जाग उठते है हर-दम, चौंक कर हो ना तुम ने पुकारा ||
वक़्त मिल जाये तो देख आकर, किस कदर कर रहे हम गुजारा
याद आती है हर पल तुम्हारी, गम सताता है हर दम तुम्हारा ||
शब् गुजरती है कैसे हमारी, जनता है तो बस दिल हमारा
क्या बतातें तुम्हे हम जानेमन, बे-दवा है मरज ये हमारा ||
रौशनी हमको ना दे सकोगे, तुम किसी और का हो सितारा
आसमां का करम यूँ हुआ है, गम हमेशा रहेगा तुम्हारा ||
मौत से पहले शायद तू आये, इसलिए दम रुका है हमारा
उस घड़ी भी ना आ पायेगा तू, जब उठेगा जनाजा हमारा ||
डर ज़माने से था गर तुम्हे तो, क्यों कहा तुमने मैं हूँ तुम्हारा
दे रहे हम ख्वाइशों को कांधा, देख लो क्या हसीं है नजारा ||
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