Love Ghazal in Hindi – Romantic Ghazals
सपनो में मेरी तुम आती हो , और मुझ को रुला कर जाती हो
मैं लाखों सदायें देता हूँ , तुम चुप रह कर तड़पाती हो ||
क्या है ये खता चाहत मेरी , जो पा न सकूँ उल्फत तेरी
ये दूरी मुझे भी खलती है , पर समझो तुम मेरी मज़बूरी ||
तुम से प्यारा मुझे कोई नहीं , तुम फिर भी क्यों तरसाती हो
दिल चाहता है तेरा साथ रहे , तेरे हाथों में मेरा हाथ रहे ||
खो जायूँ मैं तेरी बाँहों में , और तू हर दम मेरे पास रहे
आँखों में तुम्ही , हो दिल में तुम , फिर भी मुझे क्यों ठुकराती हो ||
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है नूरे-नज़र महबूब मेरा , मैंने नाम दिया है बहार उसे
जितना खुद को मैं चाहता हूँ , उतना ही करुँ मैं प्यार उसे ||
वो नीलगगन का तारा है , मुझे सारे जहाँ से प्यारा है
मैं प्यार की उसके हूँ मंज़िल , वो प्रीत का मेरी किनारा है ||
जिस पल नज़रों से नज़रें मिली , दिल ने माना दिलदार उसे
है नूरे-नज़र महबूब मेरा , मैंने नाम दिया है बहार उसे ||
कलियों की तरह वो शरमाये , फूलों की तरह वो मुस्कुराये
वो एक सुहाना सपना है , मेरे दिल में है, मेरा अपना है ||
मेरा अपना यहाँ तो कोई नहीं , पर माना मैंने यार उसे
है नूरे-नज़र महबूब मेरा , मैंने नाम दिया है बहार उसे ||
गानो में मेरे, वो नज़्मों में , शेरों में मेरे, वो ग़ज़लों में
आंखों में वही और ख़्वाबों में , धड़कन में वही और साँसों में ||
हो मुझपे मेहरबाँ गर जो खुदा , तो मांगू मैं हर बार उसे
है नूरे-नज़र महबूब मेरा , मैंने नाम दिया है बहार उसे ||
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मलिका-ए-हुस्न हो तुम, हुस्न की जान हो तुम
मेरा ईमान हो तुम, मेरा अरमान हो तुम ||
रेशमी आँचल तुम्हारा, ज़ुल्फ़ें लहराती हुई
जैसे सावन में कोई, काली घटा छाई हुई ||
तुम हो सुहानी सहर, मस्ती भरी शाम हो तुम
मलिका-ए-हुस्न हो तुम, हुस्न की जान हो तुम ||
मेरा ईमान हो तुम, मेरा अरमान हो तुम
नूर तुम उजालों का, ख़्वाब तुम सितारों का ||
रंग तुम बहारों का, हुस्न तुम नज़ारों का
महक तुम हवाओं की, फ़ज़ाओं की शान हो तुम ||
मलिका-ए-हुस्न हो तुम, हुस्न की जान हो तुम
मेरा ईमान हो तुम, मेरा अरमान हो तुम ||
तुम हो आंखों में सजी, मेरे ख़्वाबों में हो तुम
तुम हो धड़कन में बसी, मेरी साँसों में हो तुम ||
तुम मेरी जाने-ग़ज़ल, मेरी पहचान हो तुम
मलिका-ए-हुस्न हो तुम, हुस्न की जान हो तुम
मेरा ईमान हो तुम, मेरा अरमान हो तुम ||
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