ek hasina ki aarzoo hindi kavita

एक हसीना की आरज़ू – Ek Hasina Ki Aarzoo Kavita in Hindi

इस पोस्ट में हम आपके लिए लाये है प्यार की एक कविता। जिसका शीर्षक है Ek Hasina Ki Aarzoo Hindi Kavita.ये कविता हमारे लेखक के द्वारा खुद ही रची गयी हैं। उम्मीद करते हैं की आपकी ये कविता पसंद आएगी। आपसे अनुरोध है कि कृपया कविता को पूरा पढ़े और हमें आपको ये कविता कैसी लगी। हमें अपनी राय ज़रूर दे। हमें आपकी फीड बैक का इंतज़ार रहेगा। धन्यवाद

ek hasina ki aarzoo hindi kavita

 

Ek Hasina Ki Aarzoo Hindi Kavita – एक हसीना की आरज़ू 

दिल की गलियों में चुपके से आता रहा
मेरी नीदों को अक्सर चुराता रहा ||

चाँद बन कर मेरा दिल लुभाता रहा
साजे – दिल पर मेरे गुनगुनाता रहा ||

चोरी – चोरी जो नजरें मिलता रहा
धड़कने मेरे दिल की बढ़ाता रहा ||

दिल में तूफ़ां हजारो उठाता रहा
तीर दिल पर जो मेरे चलाता रहा ||

मुझ से नजरें मिला कर पिलाता रहा
मुझको को सजना संवरना सिखाता रहा ||

बिजलियाँ मेरे दिल पर गिराता रहा
रूठने पर मेरे जो मनाता रहा ||

हर अदा पर मेरी, जान लुटाता रहा
देख कर जो मुझे मुस्कुराता रहा ||

मुझ को सपने सुहाने दिखाता रहा
मुझ को तन्हाईओं में बुलाता रहा ||

नींद से मुझे जो जगाता रहा
गीत – ग़ज़लों में अपनी सजाता रहा ||

मेरी रातों को रंगीं बनाता रहा
छेड़ कर मेरी जुल्फें बनाता रहा ||

मेरी आँखों में जो जगमगाता रहा
अपने आगोश में जो सुलाता रहा ||

प्यार की बारिशों में भिगोता रहा
मुझ को पलकों में अपनी छुपाता रहा ||

तिश्न्गी मेरे दिल की बुझाता रहा
मेरी राहों में दिल को बिछाता रहा ||

मुश्किलों में हिम्मत दिलाता रहा
हर बला से मुझे बचाता रहा ||

नेक राहे हमेशा दिखाता रहा
बेरहम बन के दिल भी जलाता रहा ||

इम्तिहाँ मेरा ले के रुलाता रहा
दोस्ती और वफ़ा भी निभाता रहा ||

मेरे ख्वाबो में अक्सर जो आता रहा
वो नहीं और कोई तू ही दिलरुबा
वो नहीं और कोई तू ही दिलरुबा
तू ही दिलरुबा,तू ही दिलरुबा ||

 

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