dil ke gum par kavita in hindi

Dil ke Gam Par Kavita in Hindi – दिल के गम पर कविता

इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आये हैं Dil ke Gam Par Kavita in Hindi ।  ये कविता हमारे लेखक के द्वारा खुद ही लिखी गयी हैं।  इस कविता को लिखते समय हमारे लेखक ने कोशिश की है कि वो टूटे हुए दिल के पीड़ा को समझे और एक ऐसी कविता तैयार करे जिसे पड़ने के बाद दिल को चैन मिल सके। ये कविता दिल में छुपे अंतर्मन के भाव को दर्शाती हैं जिससे ज्यादातर लोग महसूस करते हैं और उससे अपनी ज़िन्दगी में कभी ना कभी ज़रूर गुजरते हैं। आशा करते हैं कि आप कविता तो पूरा पढ़ेंगे और हमें अपनी राय अवश्य भेजेंगे। आपका धन्यवाद

dil ke gum par kavita in hindi

Tute Dil par Dard Bhari Kavita – Dil ke Gam Par Kavita

राह जिनको सदा मैं दिखाता रहा
कर गए वो सभी बेसहारा मुझे ||

घेर कर है खड़े आज तूफान यूँ
कौन आकर दिखाएं किनारा मुझे ||

मौत आयी मगर लौट कर चल पड़ी
लाख मैंने मनाया मगर ना रुकी ||

करवटे ज़िन्दगी यूँ बदलती रही
बीच सहरा के अक्सर उतारा मुझे ||

ए खुदा बस यही इल्तिज़ा है मेरी
ज़िन्दगी यूँ ना देना किसी को कभी ||

क्या गुजरती है दिल पर जो तू जानता
तो ना पड़ता यूँ करना गुजारा मुझे ||

आरज़ू गर हमेशा तड़पती रहे
ख्वाब ऐसे सजाने से क्या फायदा ||

रोग दिल का सुना है बड़ा है बुरा
फिर ना करना कभी यूँ निहारा मुझे ||

कल हवा मुझको तेरा पता दे गयी
और मेरा पता भी लगी मांगने ||

पूछने पर कहा नाजो – अंदाज से
वो पता पूछती है तुम्हारा मुझसे ||

रात भर जागता हूँ मैं उसके लिए
चाँद – तारे सभी जानते हैं मगर ||

बात उसको बता कर ये क्या फायदा
दे सके ना अगर वो सहारा मुझे ||

तुम नहीं जानते प्यार है चीज़ क्या
खेल समझो ना इसको खुदा के लिए ||

साथ ना दे सकोगे कभी मेरा तुम
सच कहा माफ़ करना ऐ खुदा मुझे ||

 

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