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Famous Ghazals in Hindi – सुपरहिट गजल हिंदी

Famous Ghazals in Hindi

 

पुराने ज़माने से ग़ज़ल पढ़ना एक दिल को सुकून देने वाली चीज़ रही हैं। हमारे इस पोस्ट पर कुछ बेहतरीन ग़ज़लों का कलेक्शन लगातार पोस्ट होता रहता है। अगर आप भी ग़ज़ल पढ़ना चाहते है तो इस पोस्ट पर आपको मिलेंगी कुछ Famous Ghazals in Hindi और सुपरहिट गजल हिंदी में।

नफरतों का जहर – Famous Ghazal

नफरतों का जहर बन गयी ज़िन्दगी
एक उजड़ा शहर बन गयी ज़िन्दगी ||

किसको है प्यार दिल से किसी से कहो
मतलबों का बसर बन गयी ज़िन्दगी ||

रौशनी दी जिसने सबको उसी ने मगर
ज़ुल्मतों का कहर बन गयी ज़िन्दगी ||

अब ना सायें की कोई उम्मीद करें
अब तो सूखा हुआ पेड़ बन गयी ज़िन्दगी ||

दौर यूँ चल पड़ा दिल परेशान है
दर्द की एक लहर बन गयी ज़िन्दगी ||

भीड़ तो चारो तरफ है मगर फिर भी क्यूँ
आज तन्हा सफर बन गयी ज़िन्दगी ||

आह लब पर हमारे तो फिर भी नहीं
जबकि दर्दे – जिगर बन गयी ज़िन्दगी ||




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ऑंखें मुझसे चुराता है क्या – Ghazal

ऑंखें मुझसे,  चुराता है क्या
साफ-साफ कह दे,  इरादा क्या ||

चर्चे तेरे भी,  कुछ काम नहीं
किस्से तू मेरे,  सुनाता है क्या ||

बात दिल में तो,  कुछ और है
हाथ यूँ मुझसे,  मिलाता है क्या ||

छलनी सीना किया,  तूने मेरा
अब नजर को यूँ,  झुकाता है क्या ||

गौर खुद पर भी,  कर ले कभी
मुझको आईना,  दिखाता है क्या ||

इश्क़ मुझ से,  अगर है तुझे
अहसान मुझपे  जताता है क्या ||

कर दिया है तूने , तार-तार ये दिल
अब मुझसे दामन,  बचाता है क्या ||

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हर लम्हा ज़िन्दगी का – Ghazal

हर लम्हा ज़िन्दगी का ,  कुछ ना कुछ सिखा गया
चेहरे पर जो परदे थे , वो परदे उठा गया ||

इश्क़ करने की आड़ में , करता रहा फरेब
क्या सादगी से दाग को , वो अपने छुपा गया ||

लाचार बेबसों पे , ढाता रहा सितम
मिलते ही कोई सानी , सर अपना झुका गया ||

मैखाने की गली से , जिसे दिन में था परेज
कल सारी रात वो , मैकदे में बिता गया ||

कहते है सब उसी को , हुनरमंद दोस्तों
जो ऐब सभी अपने , बाखूबी छुपा गया ||

 

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कुछ वफ़ा में कसर – A Heart Touching Ghazal in Hindi

 

कुछ वफ़ा में , कसर नहीं मिलती ,
उनसे फ़ितरत , मगर नहीं मिलती ।।

बद्दुआ शौक़ से , रहे नाकाम,
हाँ, दुआ बेअसर , नहीं मिलती ।।

दो कदम राह- स्वभाव नहीं चलता,
राह जब हमराह , नहीं मिलती ।।

क्या महकता ये , गुलशने-हस्ती,
गुल को ख़ुश्बू , अगर नहीं मिलती ।।

ज़िंदगी की ख़ुशनुमा , तस्वीर,ऐ दिलवाले
उम्र भर और हर बार , नहीं मिलती ।।

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रंग तस्वीरों  में भरना चाहिए – Hindi Famous Ghazal

 

रंग तस्वीरों  में भरना चाहिए । 
ऐ मुसाफ़िर! कुछ तो करना चाहिए ।। 

हमनशीं, काफी सफ़र तय कर लिया,
शाम है, अब तो ठहरना चाहिए ।। 

बैठ कर सरसब्ज़ पेड़ो के क़रीब,
अपना-अपना जाम भरना चाहिए ।। 

धूल से भरी है आँखों की चमक,
आइनों को साफ़ करना चाहिए।। 

दिल से उठनी चाहिए पत्थर की सिल,
बोझ रस्ते का उतरना चाहिए।। 

चूम कर एक दूसरे को प्यार से,
कहकशां पर पांव धरना चाहिए।। 

गूँज उठना चाहिए मानिन्दे-साज़ ,
और फ़िज़ाओं में बिखरना चाहिए।।

भर गयी है रात तारों से सारी,
अब तो उठ कर दीदार करना चाहिए।।

 

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आंसुओं की बर्फ – New Hindi Ghazal

 

आंसुओं की बर्फ से जब ज़हन ही ठस हो गया। 
आँख झपकी, सोच का मंज़र भी ओझल हो गया।।

छांव क्या मिलती कि सारे पेड़ झड़ जो गए।
प्यास क्या बुझती कि पानी धूप में उड़ जो गया।।

क्षणिक शोहरत कि ख़्वाहिश, सबको उदास कर गई। 
आफ़त ये है कि सारा शहर पागल हो गया।।

ख़ाली गुम्बद से आवाज़ टकरा के वापस आ गई ,
उस पे पत्थर फेंक के मैं आप घायल हो गया।।

खून की नदी में जब रवानी थम सी गई ,
उसको मौसम से नवाज़ा काई का आँचल हो गया।।

 

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फिर से गुलशन की – Famous Life Ghazals in Hindi

 

फिर से गुलशन की ज़मीं को , तारो-ताज़ा करना।
फूल मुरझाएं तो ख़ुश्बू का , ना पीछा करना।।

क्या वो गिरते हुए , सूरज को सहारा देगा ,
जिसे नहीं आता हो , हर ज़र्रे को सितारा करना  ||

हमने हर कदम पे , नेकी के निशां छोड़े हैं,
आने वालो! इन्हे तुम , गौर से देखा करना।। 

फ़िक्रों-इज़हार की , शम्में तो जलाएं रखें,
ये बड़ी बात है, एहसास का दर खुला रखना।।

उसकी आँखों में भी लहराएँ , तलब के जुगनू ,
ऐसे अंदाज़ से इज़हारे-तमन्ना करना।।

उस पारखी नज़र को न भूल पाएंगे कभी ,
रक़्स पथराव में रह कर तने- तनहा करना।।

 

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उसने तक़सीम कर दिया – Hindi Ki Gazal

 

उसने तक़सीम कर दिया सब कुछ।
और फिर भी रहा ख़ुदा सब कुछ।।

छोड़ आए हैं हम शहर में तेरे।
इक तेरी याद के सिवा सब कुछ।।

तेरे अपने सिवा तेरे घर में।
है ख़ुदा का दिया हुआ सब कुछ।।

काम ले लबों से कुछ और।
सिर्फ होती नहीं दुआ सब कुछ।।

घोंसले के करीब इक चिड़िया।
सोचती है अब ये क्या हुआ सब कुछ।।

जिस्मो-जां की भी कुछ जरूरतें हैं।
इश्क़ तनहा नहीं सदा और भी है सब कुछ।। 

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दिल इस दुनिया में – New Ghazal Hindi

 

दिल इस दुनिया में खो गया है क्या।
आइना संग हो गया है क्या।।

मैं न था बीता हुआ पल था।
अब ये मुड़-मुड़ के देखता है क्या।।

सोचते सब हैं, पर क्या मेरी तरह।
और कोई भी सोचता है क्या।।

रुत बदलते ही दिल बदलते हैं।
तू मेरे शहर में नया है क्या।।

गर पारखी नज़र मिले तो देख।
एक नुक़्ता भी फैलता है क्या।।

 

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दिल के ख़ाली हाथ भी – Famous Ghazal Hindi

 

दिल के ख़ाली हाथ भी हसरत चुरा लाये बहुत।
यानी अपने वास्ते दौलत चुरा लाये बहुत।।

टूटना भी इक कला है वक़्त की ।
टूटते वक़्तों से हम सीख चुरा लाये बहुत।।

जंगलों में बोरियों के साये हैं या ज़िन्दगी।
शहर की रौनक़ से हम वहशत चुरा लाये बहुत।।

मुश्किल सफर दर्द और तजुर्बे।
सबके बीच हम जन्नत चुरा लाये बहुत।।

मुश्किलें साँसों की डग-मग हुई ऐसी कि हम।
मुश्किलों के रंग में राहत चुरा लाये बहुत।।

 

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बड़े बेरहम लोग – Hindi Purani Ghazal

 

बड़े बेरहम लोग मिलते रहे हैं
मुझे खाक कर के मचलते रहे हैं ||

गरीबों की आँखों से सपने चुराकर
ये तकदीरे अपनी बदलते रहें हैं ||

कहर ढा रहें बस्तिया जलाकर
हसरतें हजारो मसलते रहें हैं ||

मुश्किल हुआ है सफर ज़िन्दगी का
उजाले सियाही में ढलते रहें हैं ||

खता तेरी क्या थी बता दे ऐ दिल
ये खंजर तुझी पर क्यों चलते रहें हैं ||

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ज़िन्दगी चल रहीं है मगर – Purani Ghazal Hindi

ज़िन्दगी चल रहीं है मगर
आग में जल रहा है शहर ||

हाल ये अब आदमी का हुआ है
छलनी है सीना और ज़ख़्मी जिगर ||

उठ रहा है हर तरफ शोर क्यों
कौन फैला रहा ये ज़हर ||

काश अब तो कोई बता दे मुझे
क्यों दुआ हो रही बेअसर ||

देख कर चल ऐ ज़िन्दगी यहाँ
आग में घिरी है हर रह गुजर ||

 

 

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लुटेरों पर हर दम – Hindi Famous Ghazal

 

लुटेरों पर हर दम लगाए रहे हम नजर
कब लुटा अपनों ने ही हुयी न खबर ||

जिस तरफ भी गए भीड़ ही भीड़ थी
आशना न मिला कोई अपना मगर ||

अँधियाँ जब चली सब गए छोड़कर
हम भी छोड़ जाते तो जाते किधर ||

साफ़ दामन कहीं कोई मिलता हमें
उसके कदमो पे रख देते हम तो ये सर ||

क्या रहम की उम्मीद किसी से करे
पत्थरों से भरा है ये सारा शहर ||

हम ने समझा हमेशा हमारा जिसे
घायल सीना किया है उसी ने मगर ||

 

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राह कोई अब नजर – Best Hindi Ghazal

राह कोई अब नजर आज आती नहीं
छोड़ कर आस फिर भी तो जाती नहीं ||

मुस्कान ये कभी कितनी खुशहाल थी
ज़िन्दगी अब कहीं मुस्कुराती नहीं ||

कोयलें ना जाने अब क्यों चुप हो गयीं
क्यों चमेली भी आंगन सजाती नहीं ||

अलविदा – अलविदा लोग क्यों हो गए
दूरियां कोई शय क्यों मिटाती नहीं ||

हाल क्या पूछते हो परेशां का तुम
क्या नजर ये हमारी बताती नहीं ||

 

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चलेगी कहाँ तक सियासत तुम्हारी – Hindi Famous Ghazal

 

चलेगी कहाँ तक सियासत तुम्हारी
सभी को पता है शराफत तुम्हारी ||

बहुत हो चूका अब ना बड़े करो तुम
कि हम जानते हकीकत तुम्हारी ||

अगर जागता है वतन आज मेरा
करेगा ना कोई हिफाजत तुम्हारी ||

ना इतने भी नादान समझो हमें तुम
हमें है पता हर हिकायत तुम्हारी ||

जरा जाग जाओ वतन के उजालो
ज़िन्दगी पे होगी इनायत तुम्हारी ||

 

 

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ये ना सोचो कभी मैं  – A Heart Touching Ghazal in Hindi

 

ये ना सोचो कभी मैं ठहर जायूँगा
रौशनी दे कर तुमको गुजर जाऊंगा ||

खाक भी ना मेरी कभी छू पाओगे
आसमान से भी आगे निकल जाऊंगा ||

ग़ज़ल के रूप में गीत के रूप में
दिल कि गहराईओं में उतर जाऊंगा ||

महकता ही रहूँगा दिलों में सदा
प्यार के रंग दुनिया में भर जाऊंगा ||

दर्द चाहे मिला हो बेइन्तेहाँ मुझे
पर ख़ुशी बाँट कर मैं बिखर जाऊंगा ||

 

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जब से ईमान के दाम –  Famous Ghazal

जब से ईमान के दाम लगने लगें
कैसे – कैसे ज़माने में बिकने लगें ||

सर चढ़ी यूँ गरज़ की गैरते मर गयीं
अब निशान भी उसूलो में मिटने लगें ||

हाथ फ़ैलाने में शर्म आती नहीं
चेहरे ऐसे भी बेशर्म दिखने लगें ||

भीख का एक टुकड़ा अगर जो मिले
काम जो भी हो लोग करने लगें ||

लोग है आज भी कुछ सच्चे यहाँ
नाम पर जिनके सर सब के झुकने लगें ||

 

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जिधर देखता हूँ – Famous Hindi Ghazal

जिधर देखता हूँ ज़हर देखता हूँ
सुलगता हुआ हर बशर देखता हूँ ||

उजाले ना जाने कहाँ खो गए
सिसकती हुयी हर सहर देखता हूँ ||

उठा आसमां पर धुआँ ही धुआँ है
दहकता हुआ ये शहर देखता हूँ ||

कभी क्या ख़ुशी थी नशा था हंसी थी
छुपा हर गली में आज दर देखता हूँ ||

यारों ये कैसी घडी आ गयी है
जिधर देखो भीगी नजर देखता हूँ ||

 

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तेरे मिलने की मांगी दुआएं सदा – Famous Ghazal Hindi

तेरे मिलने की मांगी दुआएं सदा
मुझ को लेकिन मिलीं है ये तन्हाईआं ||

ज़ख्म मेरे बने दर्द की रागिनी
गीत कोई ख़ुशी का सजे अब कहाँ ||

हर कर मुझसे तूफान भी चल दिए
चोट दिल पे लगी और मैं मर गया ||

याद उनको अहसान ना मेरे रहे
ना कोई शिकवा ना कोई गिला किया ||

घर जलाकर ज़माने को दी रौशनी
वक़्त मुझ पर पड़ा तो अँधेरा दिया ||

भूल तुम कर गये थे जानकर कभी
अब उसी की तुम्हे मिल रही ये सजा ||

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नफरतों का जहर – सुपरहिट गजल हिंदी

जिस तरफ देखिये नफरतों का जहर
उठ रहा है धुआँ जल रहा हर शहर ||

कैसे रहबर उन्हें आप कहने लगे
छीन रहे है अमन वो हमारा अगर ||

कातिलों को बिठाया सदा तख़्त पे
फ़रिश्तो को न पूछा किसी ने मगर ||

बीच में क्यों दिल की दीवारे उठी
किसलिए खून बहने लगा हर डगर ||

प्यार ही से अमन हो सकेगा यहाँ
काश सब जान ले बात इतनी अगर ||

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ज़िन्दगी मौत के – मशहूर ग़ज़ल 

ज़िन्दगी मौत के साये में पल रही
रूह हर एक यारों यहाँ जल रही ||

तरसती ही सदा रौशनी के लिए
आँसू बरसाती शामो-सहर ढल रही ||

सब अमन चाहते है हमेशा यहाँ
बात शैतान को ये मगर खल रही ||

आ गया वक़्त अब जाग ए इंसान
उसको बर्बाद कर आँख जो जल रही ||

और कोई लिखे तेरी तकदीर क्यों
किसलिए रस्म ये आज तक चल रही ||

आ बता दे उन्हें तू भी क्या चीज़ है
जो निगाहें तुझे आज तक छल रही ||

बात ऐसी कभी भी ना करते यहाँ
जानते अगर यहाँ क्या हवा चल रही ||

 

 

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अब तो सुन – बेहतरीन ग़ज़ल 

बेआवाज़ इंसानो की सदा, अब तो सुन
सब पता है तुझे ए खुदा, अब तो सुन ||

लूटता है ज़माना इन्हे किस तरह
आ जरा देख तू ये समां, अब तो सुन ||

कौन इनकी सुनेगा तुम्हारे सिवा
किसलिए आँख रोये गिला, अब तो सुन ||

बेवसी इनकी आ कर ज़रा देख ले
कर निगाहें-ऐ-करम ये दुआ, अब तो सुन ||

चाँद तारे इन्होने ना मांगे कभी
दे अँधेरे को इनके दिया,अब तो सुन ||

क्या हुआ है तुझे तू भी सुनता सुन
कौन इनकी सुनेगा फिर बता, अब तो सुन ||

ढा रहे है कहर जो उन्हें दे सजा
बस हमारी ये इतनी दुआ, अब तो सुन ||

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बेहतरीन ग़ज़ल  – दस्तूर

क्या गज़ब तेरी महफ़िल के दस्तूर हैं
ऐश कातिल की हैं मरते मजबूर हैं ||

नजर दामन पे अपने भी कर ले कभी
फिर सजा जो भी दे मुझ को मंजूर है ||

बात अगर कोई ना थी क्यों उठता धुआँ
हर गली चर्चे क्यों तेरे मशहूर है ||

हाल ना हो किसी दिन तेरा भी यही
हो ना कल नम नजर ये जो मगरूर है ||

अब ना आवाज़ देना हमारे दिल को तुम
सुन रहे हैं नशे में कि अब हम चूर हैं ||

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घर में गबन – Famous Ghazal

जो अपने ही घर में गबन कर रहे हैं
वो बदनाम सारा वतन कर रहे हैं ||

वही जो हमारे रहनुमा बने हैं
भरोसा हमारा दफ़न कर रहे हैं ||

हवस इनकी इतनी बड़ी जा रही है
कि वीरान ये रंगीन चमन कर रहे हैं ||

सजी इनकी दुनिया अर्क से हमारे
हमीं को मगर बेकफन कर रहे हैं ||

मिटा कर फकीरों के सपने ये सारे
खुद गरज़ ये कैसे जशन कर रहे हैं ||

 

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Famous Ghazal Hindi – क्यों हमारे ज़िक्र पर

क्यों हमारे ज़िक्र पर भी वो खफा होने लगे
बाबफा जो थे कभी क्यों बेबफा होने लगे ||

हर गली हर रहगुजर में सायें अपने थे कभी
वक़्त ने फेरी जो आंखें सब जुड़ा होने लगे ||

ज़िक्र गैरो का क्यों करें अपने भी कुछ काम नहीं
बस जरा सच क्या कहा हम बेहया होने लगे ||

हाँ हमारे सामने हो रहा था क़त्ल मगर
कातिलों के खौफ से हम बेसदा होने लगे ||

नाज हम को है हमेशा दुश्मनो के बात पर
दोस्तों के चाल से अब बेमजा होने लगे ||

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Famous Hindi Ghazal – ज़िन्दगी मैकदे में

ज़िन्दगी मैकदे में गुजरती रहे
मय प्यालों में यारो थिरकती रहे ||

ला पीला सकियाँ तुझ को मेरी कसम
दौर पर दौर हो रात ढलती रहे ||

तक रहे है खड़े रंजो-गम-ओ-सितम
मैकशी अब सदा रोज चलती रहे ||

क्या पिलाई मुझे शुक्रिया साक़िया
उम्र तेरी पनाहो में पलती रहे ||

यूँ ही मुझ पर रहे सकीं तेरा करम
रंग रुत चाहे बदले , बदलती रहे ||

जाम यूँ ही भरा हो हमेशा मेरा
हर घड़ी यूँ ही सजती सवरतीं रहे ||

छोड़ना मयकदा अब तो मुमकिन नहीं
चाहे दुनिया जले या सुलगती रहे ||

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Famous Hindi Ghazal – कोई ऐसे कहाँ

कोई ऐसे कहाँ जो न जाने मुझे
दिन जो बदले लगें सब भुलाने मुझे ||

महक दामन में तेरे बदन की लिए
रोज आये हवाएं जगाने मुझे ||

बात कैसे इन्हे हो गयी है पता
फूल भी अब लगे हैं सताने मुझे ||

क्या बातयूं लगे लोग अब किस तरह
नाम लेकर तुम्हारा बुलाने मुझे ||

इश्क़ में तेरे मशहूर मैं यूँ हुआ
अब नज़ारे सितारे भी जाने मुझे ||

 

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Famous Ghazal – प्यार चाहे मुझे

प्यार चाहे मुझे तुम करो
फिर मेरे लिए तुम गैर हो ||

कैसे दिल में रखूं मैं तुम्हे
दिल दिया है किसी और को ||

दिल में मेरे बसा है कोई
तुम को कैसे जगह दूँ कहो ||

मैं किसी और का ख्वाब हूँ
ख्वाब मेरे न देखा करो ||

तुम को कैसे करूँ प्यार मैं
तुम जान कर भी क्यों अनजान हो ||

अब ना पूछो की तुम हो कहाँ
खुद ही अपनी जगह जान लो ||

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Famous Hindi Ghazal -तरसता हूँ मैं

तरसता हूँ मैं जिस नजर के लिए
वो न आएगा मेरी खबर के लिए ||

गैर की बहिन में उसको जन्नत मिले
और तड़पा करूँ मैं बसर के लिए ||

वक़्त ऐसा भी एक दिन ज़रूर आएगा
तरस जाओगे मेरी नजर के लिए ||

हसरतें न रही अब तो दिल में कोई
बस सुकून चाइये एक पहर के लिए ||

लोग तो ले गए फूल चुनकर सभी
सिर्फ काटें बचे मेरे घर के लिए ||

ज़िन्दगी में बचा क्या ज़हर के सिवा
मैं भी तैयार हूँ हर कहर के लिए ||

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Famous Hindi Ghazal – ज़िन्दगी यार बिन

ज़िन्दगी यार बिन अधूरी हैं
कैसे तकदीर कैसी दुरी हैं ||

दौलते – दिल की लूट गयी जब से
मैं हूँ तन्हाई और फकीरी हैं ||

अब रात – दिन गुजरते है यूँ
याद तेरी है बात तेरी है ||

पूछ दिल से कभी अकेले में
किसलिए प्यार ये ज़रूरी है ||

यार मेरे मुझे तू दे न सका
ए खुदा ये भी क्या दिलेरी है ||

 

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Superhit Hindi Ghazal – अपने यार की ज़ुल्फ़ों का

अपने यार की ज़ुल्फ़ों का, दीवाना हो गया
जिस दिल पे बड़ा नाज था , बेगाना हो गया ||

मैंने ही उठाये थे , इस के नाज हर घड़ी
अहसान मेरे भूल कर , अंजाना हो गया ||

समझाऊं इसे जब कभी, होती है लड़ाई
ये सिलसिला लड़ाई का,रोजाना हो गया ||

मरने का इसे शोक है , मैं भी क्या करूँ
अफ़सोस बेअसर मेरा , समझाना हो गया ||

शोलो से खेलने का हश्र , हो भी और क्या
दुनिया को ज़िक्र के लिए , अफसाना हो गया ||

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Famous Ghazal in Hindi – ग़ज़ल की बात करूँ

जो दिल में दर्द पले, तो ग़ज़ल की बात करूँ
फिर एक अश्क’ ढले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

ये देख ! ठहरा है सूरज,
शराबखाने पर
ज़रा ये शाम ढले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

अभी तो दिल को अंधेरा, जकड़ के बैठा है
कोई चराग़ जले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

न सुनने देगी तुझे, घर की चार दीवारी
तू मेरे साथ चले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

तू चाँद- रात की तन्हाइयों के पर्दे में
बदन से नूर’ मले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

मोहब्बतों की ज़रूरत है, शायरी के लिए
किसी का दिल न जले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

ये नर्म-नर्म सी जुल्फें झुकी झुकी नज़रें
इन्हीं का ज़िक्र चले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

नहीं हैं कुछ भी, जहां की ये सेहतें’ ‘परवाज़’
वफा’ का रोग पले, तो ग़ज़ल की बात करूँ ||

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आँखें बनाये बैठा हूँ – Famous Ghazal In Hindi

यूं इन्तज़ार की महफिल, सजाए बैठा हूँ
तमाम जिस्म को आँखें बनाए बैठा हूँ ||

न पूछिएगा सवेरे की, आरजू’ क्या है
कि शाम ही से दिए को, बुझाए बैठा हूँ ||

चमन के फूल अगर, देख लें तो मुरझाएँ
मैं ऐसे ज़ख़्म भी दिल में छुपाए बैठा हूँ ||

तेरे लबों की हँसी, फिर भी रास आती है
हज़ार बार यही चोट, खाए बैठा हूँ ||

वो बात-बात पै कहता है, बेवफा मुझको,
मैं अपने होठों को, पत्थर बनाए बैठा हूँ ||

जो फूल-फूल के चेहरे पै, ताज़गी रख दे ,
इन आँसुओं में वो मौसम छुपाए बैठा हूँ ||

वो इक नज़र में मुझे, खाक करके रख देगा
मैं लाख दिल में, समुन्दर छुपाए बैठा हूँ ||

ग़ज़ल में ढाल रहा हूँ मैं धड़कनें अपनी ,
ये और बात है, सर को झुकाए बैठा हूँ ||

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हर एक दिल का – Famous Ghazal In Hindi

हर एक दिल का जिसे, दुःख दिखाई देता है
उसे तो सारा ज़माना, बधाई देता है ||

कोई बुरा भी कहे, तो जवाब क्या देना
ये मान लीजिये, ऊँचा सुनाई देता है ||

हँसी को बेच के, आँसू खरीद लाया हूं
मेरी तरह कोई अपनी, कमाई देता है ||

दिलों में दाब के रख लो, ग़मों की सौगातें
ये रोना-धोना यहाँ, जग हँसाई देता है ||

बुराई की जो अकेले में कह उठी दीवार
मैं चुप खड़ी हूं मगर, सब सुनाई देता है ||

तेरी गली में तुझे, देखते ही दिल ने कहा
यहाँ तो चाँद भी, दिन में दिखाई देता है ||

sad ghazals in hindi

Sad Ghazals in Hindi – सुपरहिट गम भरी ग़ज़ल

Sad Ghazals in Hindi

दिल को सुकून देने के लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प है Sad Ghazals in Hindi। इस पोस्ट में कुछ Old Sad Ghazals in Hindi का कलेक्शन हम आपके लिए लेकर आये है। आशा करते हैं की आपको पसंद आएंगी।

ऑंखें धुंआ – Sad Ghazal

ऑंखें धुंआ मंज़र धोखा  
सब सिलसिले अक्सर धोखा ||

कच्चे मकां बोले वजूद
अन्दर खाली बाहर धोखा ||

जाएं कहां पहुंचे किधर
अंधी डगर रहबर धोखा  ||

मिट्टी पेड़ ख़ुश्बू भंवर
सारे निडर देह भी धोखा ||

कैसा सुकूं लगातार जुनूं
लम्हे दर्द साग़र धोखा ||

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उन्हें पत्थर उठाने की – Sad Ghazal Heart Touching

उन्हें पत्थर उठाने की आदत वही है
हमे सिर उठाने की आदत वही है।।

सितमगर, सितम कर, चला दिल पे ख़ंजर
हमे ज़ख़्म खाने की आदत वही है।।

नहीं डर की दिल पर रहेगा न क़ाबू
इसे टूट जाने की आदत वही है।। 

गिले-शिकवे होंठों पे आते भी कैसे
हमें चुप लगाने की आदत वही है।।

हमें आ गया संभल कर भी चलना
मगर लड़खड़ाने की आदत वही है।।

ग़मों का ये बोझ अब बड़े भी तो क्या ग़म
हमें मुस्कुराने की आदत वही है।।

अभी तक बुरे हैं भले लोग बेशक़
हमारे ज़माने की आदत वही है।।

 

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यों ही हम पर – Ghazal Hindi Sad

यों ही हम पर सबके एहसां है बहुत
क्यों कहें कि हम परेशां है बहुत।।

आँख में रख ले ये मंजर फिर कहां
राह में तेरी बयाबां है बहुत।।

याद रखना भी कोई मुश्किल नहीं
भूल जाने के भी इंतेहा हैं बहुत।।

मौत तो आनी है आएगी मगर
और भी जीने में नुक़्सान है बहुत।।

फिर ग़ज़ल कहनी है हमने और मैं
ताश के पत्तों में उलझा हैं बहुत।।

आदमी अच्छे हैं इसमें शक़ नहीं
हां, मगर दिल में अरमां हैं बहुत।।

 

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ज़ख़्म मत पूछिए – Gam Bhari Ghazal

 

ज़ख़्म मत पूछिए, हैं दिल में हमारे कितने
कौन गिनता है फ़लक पर हैं सितारे कितने।। 

रोक लेते हैं हर इक गाम पे काटों की तरह,
मेहरबां हम पे हैं हमदर्द  हमारे कितने।।

दिल वो दरिया है अगर बढ़ के समंदर हो जाए,
दूर हो जाएं किनारो से किनारे कितने।।

रात तो काट दी आँखों में चरागों ने मगर,
बेख़बर हो गए फिर नींद के मारे कितने।।

ख़ुद को अच्छा न कहो इतना बता दो यारो !
इस भरे शहर में दुश्मन हैं तुम्हारे कितने।।

दिल तो फिर दिल है कहीं चोट जो लग जाती है,
पथरों से भी निकलते हैं शरारे कितने।। 

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मैं समंदर से तो – Sad ghazal in hindi

मैं समंदर से तो इक बूंद न पानी मांगू।
हां, मगर दशत से दरिया की रवानी मांगू।। 

इक तरफ़ जुर्म समझता हूँ जमा करना।
इक तरफ़ बासमती साल पुरानी मांगू।।

देख कर रंगे-इंद्रधनुष ख़ौफ़ज़दा हो जाऊं।
और फिर रह न सकूं शमा सुहानी मांगू।।

फिर मेरे सामने हालात हैं कब्र जैसे।
प्यास पी जाऊं कि दरियाओं से पानी मांगू।।

रेगिस्तान में कोई शख़्स कहां डूब गया।
फिर से आए वही तूफ़ां तो निशानी मांगू।।

इस कबीले के सभी लोग हैं सांपो जैसे।
जहर पीने को मिले जिससे भी पानी मांगू।।

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उनके ज़ुल्मों को मैं – Dukhi Ghazal

उनके ज़ुल्मों को मैं आईना बना भी आया
दिल का हर दाग़ ज़माने को दिखा भी आया।।

उसकी महफ़िल से उठाने का नतीजा ये हुआ,
याद करता था जिसे उसको भुला भी आया।।

दिल यहां पर मेरा टूटा था निशानी के लिए ,
चन्द आंसू उनके दर पे गिरा भी आया।।

तूने कुछ ग़म के आंसू तो मुझे बख्शे थे ,
मैं वो सरमाया ज़माने में लुटा भी आया।।

मेरे चाहने वाले मेरे फ़न की तमन्ना न करो ,
मैं तो ख़्वाबों की इमारत को जला भी आया।।

मैं छुपाता ही रहा उनसे हक़ीक़त दिल की ,
कोई दुश्मन मेरा हाल सुना भी आया।।

मुस्कुराए वो मुझे देख के इस कदर ,
उनके दिल में इक दर्द मैं जगा भी आया।।  

 

 

 

बीच मंझधार- Sad Ghazals Hindi

बीच मंझधार बह रहा हूँ मैं।
तैरता हूँ कि डूबता हूँ मैं।।

वक़्त थम सा गया है इन लम्हों में।
अब तो सो जाऊं थक गया हूँ मैं।।

अपने दिल कि उदासियों में तुझे।
बन के दीवाना देखता हूँ मैं।।

चाँद छुप-छुप के देखता है मुझे।
चाँद को छुप के देखता हूँ मैं।।

काली रात, आंधी और तूफ़ान।
यूँ लगा जैसे मर गया हूँ मैं।।

 

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जब भी मौसम उजालो के – Very Sad Ghazal

जब भी मौसम उजालो के ढलने लगे
साये भी अपने तेवर बदलने लगे ||

सरफिरों के दिलों में तसल्ली हुयी
जब मकान हम गरीबो के जलने लगें ||

छू तो लेता बुलंदी को मैं भी मगर
ख्वाब मेरे ज़माने को खेलने लगें ||

देर बस आशिया बनाने की थी
कितने हाथों में पत्थर मचलने लगे ||

बेजरूरी गरज बढ़ गयी यूँ की अब
कैसे-कैसे कदम भी फिसलने लगे ||

कातिलों को जो देखा जरा गौर से
जाने पहचाने चेहरे निकलने लगे ||

हल ये हो रहा है परेशां यहाँ
बांगवा ही गुलों को मसलने लगे ||

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चलती है चमन में – Sad Ghazal Hindi

चलती है चमन में, ये कैसी हवायें
जिधर देखिये, है उधर गम के साये ||

शिकायत चुभन की, करें किसलिए हम
ये कांटें हमीं ने, यहाँ पर बिछाएं ||

ज़मीं आसमां भी परेशां हुए है
करम आदमी के जो तबाही है लाएं ||

सदा खामियां हमने देखी सभी में
मगर दाग अपने नजर ही ना आये ||

ज़ख़्म खुद हमारे दवा बन गए हैं
अभी इनपे कोई ना मरहम लगाए ||

हंसी चाहते है सभी हमसे लेकिन
अश्क ये हमारे किसे हम दिखाएं ||

कहे क्या किसी से दर्द के फ़साने
जिसे भी मिले हम वो अपनी सुनाये ||

जो अपनी हिफाजत ना खुद कर सकें तो
उन्हें कोई कैसे किसी से बचाये ||

ना दिल को लगाना किसी से कभी तुम
ये वो शय है यारों जो हर दम रुलाये ||

फकीरी भी कैसी ख़ुशी दे सकेगी
कहो तो ऐ दुनिया तुम्हे भी बताये ||

 

दिल में झाँका तो – Best Sad Ghazal

दिल में झाँका तो क्या – क्या खजाने मिलें
रौशनी के पत्ते ओर ठिकाने मिलें ||

राह हर मोड़ पर उनकी देखी मगर
उनके ना आने के सौ बहाने मिलें ||

कश्ती अपनी सँवारी थी जैसे ही मैंने
हाथ कितने ही मुझको डुबाते मिलें ||

ना फैले बू शहर में इसी खौफ से
लाश को लोग उसके उठाते मिलें ||

नग्मे मेरे अगर गौर से तुम सुनो
इनमे शायद तुम्हारे फ़साने मिलें ||

क़त्ल में तेरे शामिल दुनिया में यहाँ
यार कितने ही तेरे पुराने मिलें ||

 

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आपकी याद फिर – Best Sad Ghazal in Hindi

आपकी याद फिर आज आने लगीं
आँख फिर आंसुओ को छुपाने लगीं ||

आपका नाम लेकर हमेशा यहाँ
महल अपने ये दुनिया बनाने लगीं ||

मुफलिसी का यहाँ आज ये हाल है
जो है ओढ़ा उसी को बिछाने लगीं ||

हम फकीरों का जाने मुक्कद्दर है क्या
हर कदम मुश्किलें सर उठाने लगीं ||

आसमान कुछ करें तो कुछ मुमकिन हो
ये ज़मीं हाथ खाली दिखने लगीं ||

तब दिलों से आकर लगे पूछने
साँस जब उससे दामन छुड़ाने लगीं ||

 

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रास आयी किसे – Ghamgeen Ghazal 

रास आयी किसे ज़िन्दगी ये कभी
रंजो गम से घिरे हैं सभी के सभी ||

रो रही मुफलिसी अपनी तकदीर पे
ज़ुल्मतों कि सियाही कहर ढहा रही ||

शान से फिर रहे हैं दरिंदे यहाँ
कुछ ना कर पा रहा है मगर आदमी ||

रहनुमा ही तो लूटते रहे है हमें
आंख लेकिन हमारी कभी ना खुलीं ||

हो भी जाये किसी की अगर मौत भी
है किसे वक़्त जो देख ले दो घड़ी ||

ऐ खुदा ये नजारा जरा देख जा
जी रहा आदमी मर कर आदमी ||

गैरते मर गयीं है दुनिया में यहाँ
हर तरफ बेकली , बेकसी , बेबसी ||

 

 

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बेवफाई करे ज़िन्दगी – Hindi Sad Ghazal

बेवफाई करे ज़िन्दगी ही अगर
क्यों उम्मीद किसी हम रखे मगर ||

वफ़ा की आरज़ू क्या मैं उनसे करूँ
वो भी समझे खिलौना जो दिल को अगर ||

किसलिए पूछते हो पता तुम मेरा
रंजो – गम से घिरा जी वही मेरा घर ||

किस खता की सजा ये मुझे मिल रही
ज़िन्दगी क्यों हुयी इस कदर दर-बदर ||

आंसुओं के सहारे है चलना मुझे
हो मुबारक तुम्हे ये सुहाना सफर ||

दर्द मेरा ना जाना किसी ने कभी
चाह सबको ही मुझसे वफ़ा की मगर ||

ज़ख्म दिल को मिलें है हमेशा मुझे
और दे भी सके क्या मुझे ये शहर ||

 

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रोज जीता हूँ – Ghazal Hindi Sad

रोज जीता हूँ रोज मरता हूँ
लाश अपनी उठाये फिरता हूँ ||

और क्या चाह ज़िन्दगी से हो
अश्क पीता हूँ गुजर करता हूँ ||

क्यों उम्मीदे-वफ़ा मुझी से है
साथ मै भी रहा करता हूँ ||

जानता हूँ की वो ना आएगा
फिर भी क्यों इंतज़ार करता हूँ ||

दौर यूँ चल रहा ज़िन्दगी का अब
सच को सच कहने से भी डरता हूँ ||

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आ जरा आज – Sad Love Ghazal

आ जरा आज मुझ को पिला दे
कुछ तो उल्फत का आकर सिला दे ||

खेल होगा तुम्हारा ये लेकिन
तेरी जुदाई ना मुझको जला दे ||

दिलनशी हो मगर क्या करुँ मै
वो नहीं तू की वादा निभा दे ||

बेखुदी में कहीं मर ना जायूँ
होश की अब तो कोई दवा दे ||

गैर बन कर रहूं क्यों मै दिल में
इसलिए नाम अब मेरा मिटा दे ||

 

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दिल किसी से लगाकर – Full Sad Ghazal

दिल किसी से लगाकर करोगे भी क्या
चैन अपना लुटा कर करोगे भी क्या ||

ज़िन्दगी भर यूँ ही तरसते रहो
सपने ऐसे सजा कर करोगे भी क्या ||

दर्द उनको कहे जो समझ भी सकें
बेदिलों को सुनकर करोगे भी क्या ||

कर रहे है बहाना वो अगर नींद का
यारों उन् कर जागकर करोगे भी क्या ||

अंधेरों में जिनको ख़ुशी मिल रही
उनको सूरज दिखाकर करोगे भी क्या ||

हर तरफ आग है जान लो साथियों
आप दमन बचाकर करोगे भी क्या ||

जिसको सुनकर जमाना ये हसतां रहे
दास्ताँ वो सुनकर करोगे भी क्या ||

आजमाओ उन्हें जो कहर ढा रहे
गरीबों को मिटाकर करोगे भी क्या ||

कुछ नहीं तो हमसे बस ये सीख लो
नजर यूँ ही झुकाकर करोगे भी क्या ||

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नजर हर नजर से – Hindi Ghazal Sad

नजर हर नजर से मिलाता रहां हूँ
हर किसी को अपना बनाता रहां हूँ ||

नया ज़ख्म जब भी उजागर हुआ
ज़ख्म हर पुराना मिटाता रहां हूँ ||

अँधेरा कहर जब भी ढाता रहा है
उजाला जहाँ को दिखाता रहां हूँ ||

खिजाओ ने कितनी ही कोशिश की
ये गुलशन मैं फिर भी सजाता रहां हूँ ||

वक़्त ने की कितनी जफ़ाएं मगर मैं
वक़्त से भी हरदम निभाता रहां हूँ ||

सहारा किसी से ना माँगा कभी भी
मुकाम अपना मैं खुद ही बनाता रहां हूँ ||

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छेड़ कर सजे दिल – Ghazal Hindi Sad

छेड़ कर साजे दिल तुमने क्या कर दिया
ज़ख्म दिल का मेरे फिर हरा कर दिया ||

हाल अपना सुनाऊ तुझे क्या सनम
फिर कहेगा तू की मैंने गिला कर दिया ||

शाख रोती रही गुल सिसकता रहा
फिर भी किस्मत ने उनको जुदा कर दिया ||

क़त्ल को मेरे कहने लगे ख़ुदकुशी
और कातिल को मेरे रिहा कर दिया ||

खाक कर के हमदम तुझे यार ने
आज हक़ दोस्ती का अदा कर दिया ||

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अरमानो भरी रात – Gam Bhare Ghazal

अरमानो भरी रात दर्दे-ज़िन्दगी बनी
वो पहली मुलाकात दर्दे-ज़िन्दगी बनी ||

जिनका था मैं सहारा वही ज़ख्म दे गए
सावन की ये बरसात दर्दे-ज़िन्दगी बनी ||

शर्मा हया के मारे जुबां कुछ ना कह सकी
बस यही एक बात दर्दे-ज़िन्दगी बनी ||

निखरा था रंगे – हिना मेरे कहने जिगर से
मेहँदी लगे वो हाथ दर्दे-ज़िन्दगी बनी ||

खनकते कंगना और सखिओं के कहकहे
पायल को वो आवाज़ दर्दे-ज़िन्दगी बनी ||

शहनाइयों की गूंज में वो अलविदा हुए
जाती हुयी बारात दर्दे-ज़िन्दगी बनी ||

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दिल को दुखी यूँ – Sad Ghazal Hindi

दिल को दुखी यूँ भी ना करना कभी
खुद को बरबाद यूँ भी ना करना कभी ||

मेरी तकदीर में है सियाही लिखी
मुझको तुम याद यूँ भी ना करना कभी ||

आंसुओं के सिवा कुछ ना दे पायूँगा
मुझ से फरियाद यूँ भी ना करना कभी ||

मर ना जायूँ कहीं मैं गमो से सनम
मुझ को आवाद यूँ भी ना करना कभी ||

मौत तक तुम मेरी कुछ तो रखो
अश्क बर्वाद यूँ भी ना करना कभी ||

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छोड़ जाने लगा मैं – Best sad ghazal in hindi

छोड़ जाने लगा मैं सदा के लिए
बोले, रुकते ज़रा सा खुदा के लिए ||

हाले – दिल जो बयां कर दिया तो कहा
क्या सजा दूँ तुम्हे इस खता के लिए ||

बावफ़ा वो ना हो ये अलग बात है
पर तकाजा है मुझसे वफ़ा के लिए ||

कौन जाने की आएगी किस राह से
चाहिये एक बहाना क़ज़ा के लिए ||

आरज़ू – ए – बफा ना इशारा करो
गैर भी अब रहोगे सदा के लिए ||

 

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दर्द पहलू में – Hindi Ghazal Sad

दर्द पहलू में पलता रहा रात भर
तेरी खातिर मैं जलता रहा रात भर ||

आंसुओं में डुबाकर जो तुम चल दिए
बेखुदी में मै चलता रहा रात भर ||

शाम से ही उदासी थी छायी हुयी
गम तुम्हारा सताता रहा रात भर ||

खुश्क थी आंख दिल रो रहा था मगर
अश्क अपने छुपाता रहा रात भर ||

ख्वाब जिसके हमने देखे सदा
चाँद वो भी जलाता रहा रात भर ||

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मेरी खातिर परेशां – Sad Ghazal

मेरी खातिर परेशां ना होना कभी
काट ही जाएगी मर-मर के ये ज़िन्दगी ||

थी सुहानी सहर सामने तो मगर
मेरी तकदीर में थी सियाही लिखी ||

याद में तेरी कट जायेगा ये सफर
साथ चाहे मिला हो घड़ी दो घड़ी ||

पूछता है अगर तो बता दूँ तुझे
हाल है ठीक सांसें अभी चल रहीं ||

मौत का तू हमारी मातम ना कर
यह तो अच्छा हुआ एक बला टल गयी ||

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वादे पे तेरे – Sad Ghazal in Hindi

वादे पे तेरे, मैं लुट चुका हूँ
और कह रहा, तू भुला भी दे ||

उठा ये खंजर, लगा निशाना
क्या सोचता है, चला भी दे ||

तू ख्वाब मेरा, तू ही हकीकत
तू ही जमाना, तू ही तो जन्नत ||

जरा नजर से, तू पूछ अपनी
और हूँ मैं क्या, ये बता भी दे ||

बहुत हुआ छुपते- छुपाते मिलना
अब आकर मिले, हम जरा सा खुलके
यूँ भी ज़माने का डर ना कर तू
अब आ के परदा उठा भी दे ||

अगर नजर में हो रहा ही तारा
तो राशि की तरह उसको रख
अगर आंसू समझा है उसको तूने
तो फिर नजर से गिरा भी दे ||

 

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जब से देखा तुझे – Sad Ghazal Hindi

जब से देखा तुझे जाने क्या हो गया
दिल ये मेरा ना जाने खाना खो गया ||

तड़प मेरी ना देखी गयी जिस घड़ी
आसमां भी मेरे हाल पर रो गया ||

तू ना समझा कभी मेरे दिल की लगी
आरज़ू में तेरी मैं फ़ना हो गया ||

अब पुकारो भी मुझको तो क्या फायदा
मौत की नींद जब यार मैं सो गया ||

रोक लेता अगर तू जरा प्यार से
तो ना जाता कभी मैं अभी जो गया ||

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तुमने आने में – Sad Ghazals Heart Touching

तुमने आने में आखिर बड़ी देर की
हम तो कह कर चले थे भरोसा नहीं ||

साँस लेने लगी थी इजाजत मगर
रहगुजर पर नजर थी लगी की लगी ||

सज संवर कर ही आना जरुरी ना था
समझते भी नजाकत कभी वक़्त की ||

याद करते हुए तुम को छोड़ा है दम
ऐसी उल्फत ना देखी थी हमने कभी ||

वक्ते-रुखसत बस हम ये कहते रहे
आरज़ू उन्हें देखने की रह गयी ||

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छलती है तेरी याद – Sad Ghazals Heart Touching

छलती है तेरी याद आ आ कर
क्या बैर है मुझसे खुदा जाने ||

लिपटी रहती है आठों पहर
क्या प्यार है मुझसे खुदा जाने ||

मिलना चाहे तो मिल न सके
मिलने की कोई सूरत ही नहीं ||

मजबूर हो तुम मजबूर हूँ मैं
मर जाये ना हम ऐसे में कहीं ||

मालूम तो अंजाम मगर
क्यों प्यार है तुझसे खुदा जाने ||

और याद ना करना मुझको सनम
जो करना है एक दुआ ये करो ||

मिल जाये हमें एक और जनम
ये दूरी और ये मजबूरी
कहीं जान ही ना ले ले खुदा जाने ||

 

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जिसे हमने समझा – Superhit Sad Ghazal

जिसे हमने समझा चमन का सहारा
लुटा है उसी ने हर एक नजारा ||

बड़ी आरज़ू थी ख़ुशी का बसर हो
गुलों के लबों पर हसी की लहर हो ||

लुटेरे की लेकिन अलग ही नजर थी
लूटा कारवां ये किया बेसहरा ||

सभी साथ मिल के लुटेरों से लड़ के
इरादों को इसके नाकाम करके ||

ना आबाद अगर ये चमन तुम करोगे
तो कैसे करोगे यहाँ पर गुजारा ||

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जान कहर – Sad Hindi Ghazal

जान कहर वक़्त का बरसेगा
तू मौत को अपनी तरसेगा ||

पर मौत तुझे ना आएगी
हर साँस तुझे तड़पायेगी ||

और रूह तेरी घबराएगी
ज़िन्दगी चैन ना पायेगी ||

हर घडी बोझ बन जयेगी
तू उठा भी किसको ना पाएगा ||

सायें से भी घबराएगा
अपने कर्मो पर पछतायेगा ||

चीखेगा और चिल्लायेगा
जब मस्त घटाएं छाएंगी
और प्यार की बारिश आएगी
उम्र प्यासी तेरी रह जाएगी
रूह जलती ही रह जाएगी
मरने की तुझको ख्वाइश होगी
पर मौत तुझे ना आएगी ||

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सबब रूठने का – Sad Ghazal

सबब रूठने का बता कर तो जाते
हमें भी जरा आजमा कर तो जाते ||

फ़ज़ाओं ने पूछा कई बार तुमको
झलक बस जरा सी दिखा कर तो जाते ||

मुस्कुरा रहीं थी चमन में बहारें
मोहब्बत के नगमे सुना कर तो जाते ||

दिया दर्दे दिल कोई शिकवा नहीं है
पता अस्पताल का बता कर तो जाते ||

अगर बेसबब थी हमारी शिकायत
जरा आंख हमसे मिला कर तो जाते ||

जरा ओर रुकते तो होती इनायत
जनाजा हमारा उठा कर तो जाते ||

मिटा ही दिया जब हमको ही तुमने
तो उसकी चिता भी जलाकर तो जाते ||

 

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Love Ghazal in Hindi – Romantic Ghazals

Love Ghazal in Hindi – Best Romantic Ghazals in Hindi

हिंदी में ग़ज़ल पढ़ने का शौक हर किसी को होता हैं। फिर चाहे वो दुनिया में किसी भी क्षेत्र में काम करता हो। हमारे इस ब्लॉग में पके लिए कुछ खास ग़ज़ल पब्लिश की गयी है। जैसे कि Love Ghazal in Hindi और Romantic Ghazals in Hindi। हम उम्मीद करते है कि आपको हमारी ग़ज़ल पसंद आएंगी।

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Love Ghazal in Hindi  – गम का नाम भी नहीं आता

गम का नाम भी नहीं आता
पर दिल को आराम भी नहीं आता ||

देख के तुझको होश में रहना
हमसे ये काम भी नहीं आता ||

जाने क्यों नशे में रहता हूँ
हाथों में जाम भी नहीं आता ||

मुझको ही सब दीवाना कहते हैं
और उस पर इल्जाम भी नहीं आता ||

 

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Romantic Ghazals in Hindi – गम में निकले हो गेसुं सवारें

 

गम में निकले हो गेसुं सवारें
छिप ना जाये कहीं चाँद तारे ||

हसरते ज़िन्दगी के सहारे
जी रहे हैं मोहब्बत के मारें ||

बढ़ता जाता है दामनें तूफां
डूबता जा रहे हैं किनारे ||

आ चुका हैं वक़्त अब कोई ना आने वाला
अब तो बुझने लगे हैं सितारे ||

कोई हद भी हो आखिर कहाँ तक
मौत को अब ज़िंदगानी पुकारे ||

याद को  अपनी रोक लो अब तो
मरते वक़्त भी  दे रही हैं सहारे ||

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रुखसत की अजीब ये घडी हैं
ज़ंज़ीर सी पैरो में पड़ी हैं ||

दिल में ना हो अब कसक जरा भी
जीने की ये शर्त तो बहुत ही कड़ी हैं||

ठहरी थी हवाओं पे इमारत
इसलिए तो सर पे आ पड़ी हैं ||

सब अपनी ही धुन में मग्न हैं
हर एक शक्श को  अपनी  ही पड़ी हैं ||

फूटा हैं जमकर  नफरतों का लावा
दीवार रिश्तो की फिर गिर पड़ी हैं ||

फैला लो अब तो अपना भी दामन
कहते हैं की अब दुआओं की घड़ी हैं ||

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आप आये हैं इस तरह मन में
फूल खिल जाये जिस तरह वन में
ऐसा बदला हूँ आपसे मिलकर
धूप ढलती हैं जैसे सावन में ||

आपसे मिलके आपकी कसम
कोई चिंता नहीं अब मन में
रस भरे होठ मदभरी आंखें
रंग सा भर रहे जीवन में ||

याद करते हैं जिसको मधुशाले
मोहिनी हैं वो आपके मन में
अपनी ही धुन को सुनेंगे आप
मेरे मन की हर एक धड़कन में ||

 

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