हेलो दोस्तों।  बिटकॉइन के बारे में तो हम सब जानते ही हैं।  बिटकॉइन से जुड़ा हुआ ही एक शब्द है Halving।  जैसे-जैसे वक़्त गुजर रहा हैं बिटकॉइन हाल्विंग के डेट नजदीक आती जा रहीं हैं।  लेकिन बिटकॉइन के हाल्विंग होने से क्रिप्टो मार्किट पर क्या फ़र्क़ पड़ेगा।  तो आईये इस ब्लॉग में हम डिटेल्स में जानते हैं कि Bitcoin Halving Kya Hai ( What is  Bitcoin Halving in Hindi ? )

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बिटकॉइन हाल्विंग क्या है ?  ( What is Bitcoin Halving in Hindi ? )

बिटकॉइन की halving क्रिप्टोकोर्रेंसी मार्किट में एक major इवेंट मानी जाती है।  पूरी दुनिया में बिटकॉइन की maximum सप्लाई 21 मिलियन हैं।  जब मार्किट में नए बिटकॉइन की सप्लाई आधी हो जाती हैं तब halving मुद्रास्फीति के रेट को reduce करता हैं। पूरी दुनिया में Miners के द्वारा बिटकॉइन की माइनिंग लगातार चलती रहती है।

इसको लगातार मेन्टेन रखना और बिटकॉइन ledger को सिक्योर रखना भी Miners का काम होता हैं।  इसे करने के लिए miners को नए mined किये गए बिटकॉइन के रूप में रिवॉर्ड मिलता हैं। इन् सारे नए माइन किये गए बिटकॉइन को हाल्विंग की मदद से आधा कर दिया जाता हैं इसे ही Bitcoin Halving कहा जाता हैं।




Bitcoin Halving क्यों की जाती हैं ? ( Why Bitcoin Halving is done in Hindi ? )

बिटकॉइन की maximum सप्लाई 21 मिलियन हैं। लेकिन 1,91,52,900 बिटकॉइन ही मार्किट के सर्कुलेशन में आये हैं।  और अभी 18,47,100 बिटकॉइन को और माइन करना वाकी हैं। बाकि के बचे हुए बिटकॉइन को माइन करने में अभी कुछ और सालों का वक़्त वाकी है।  जैसे ही सारी बिटकॉइन की सप्लाई मार्किट में आ जाएगी। तभी तक हाल्विंग हो सकती हैं।

पूरी सप्लाई आ जाने के बाद हाल्विंग बंद हो जाएगी। लगातार हो रही माइनिंग के द्वारा generate किये गए बिटकॉइन से इसके मार्किट प्राइस पर बहुत फ़र्क़ पड़ता हैं।  बिटकॉइन का प्राइस लगातार मार्किट के ट्रेंड के हिसाब से चले इसलिए Bitcoin की Halving की जाती हैं।

Bitcoin Halving कब की जाती हैं ?

Bitcoin की हाल्विंग हर चार साल के अंतराल पर होती हैं। Bitcoin की हाल्विंग हर चार साल के अंतराल पर होती हैं।  हर चार साल में बिटकॉइन की सप्लाई को cut -off करके नए बिटकॉइन को माइनिंग से क्रिएट किया जाता है। ये बात हम सभी जानते है कि प्राइस डिमांड एंड सप्लाई पर depend करता हैं।

डिमांड एंड सप्लाई को मेन्टेन रखने के लिए हर चार साल में Bitcoin halving की ज़रूरत पड़ती हैं। हालांकि हाल्विंग का वक़्त तय नहीं किया गया। चार साल वक़्त एक रेगुलर टाइम फ्रेम हैं। कुछ महीनो का इसके हाल्विंग के वक़्त में ऊपर – नीचे भी हो सकता हैं। अगर हाल्विंग का इतिहास देखें तो लगभग चार साल के पूरे होने के एक या दो महीने पहले या बाद में हाल्विंग का इवेंट होता हैं।

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Bitcoin Halving की तारीख ( Dates of Bitcoin Halving in Hindi )

Bitcoin को सबसे पहले Satoshi Nakamoto ने साल 2009 में माइन किया था।  पहली बार माइनिंग करने पर 50 बिटकॉइन एक ब्लॉक के लिए रिवॉर्ड के तोर पर दिए गए थे। तीन साल के माइनिंग के बाद साल 2012 में पहली बार Bitcoin halving की गयी थी।

  • साल 2012 पहली बार Bitcoin halving करने बार 50 रिवार्ड्स बिटकॉइन को आधा कर दिया गया था।  मतलब कि रिवॉर्ड 25 बिटकॉइन हो गया था।
  • साल 2016 में दूसरी बार बार Bitcoin Halving की गयी और रिवॉर्ड को फिर से आधा किया गया।  यानि की रिवॉर्ड 12.5 बिटकॉइन हो गया था।
  • अब तक कुल तीन बार बिटकॉइन की हाल्विंग हो चुकी है।  और साल 2020 में आखिरी बार हाल्विंग की गयी थी और रिवॉर्ड 6.25 बिटकॉइन किया गया था।
  • साल 2024 में फिर से Bitcoin Halving की जाएगी और रिवॉर्ड को फिर से आधा कर दिया जायेगा।
  • जब तक सारे बिटकॉइन मतलब कि 21 मिलियन बिटकॉइन को माइन नहीं किया जाता। तब ये बिटकॉइन हाल्विंग का प्रोसेस हर चार साल के अंतराल पर चलता रहेगा।
  • ऐसा अनुमान है कि साल 2140 तक सारे बिटकॉइन माइन किये जायेंगे तब तक बिटकॉइन हाल्विंग का प्रोसेस जारी रहेगा।




बिटकॉइन की हाल्विंग का MINERS पर प्रभाव

  • बिटकॉइन के MINERS बिटकॉइन को माइन करने के लिए बहुत बड़ी पूंजी लगते हैं।  जिसमे उन्हें कंप्यूटर का सेटअप और Rigs का इस्तेमाल करना होता हैं। और माइन करने में भी बहुत सारा खर्चा उठाना पड़ता है जैसे की बिजली का बिल और equipment’s का मेंटेनन्स इत्यादि।
  • हर चल साल में हाल्विंग होने की वजह से मिलने वाला रिवॉर्ड भी आधा हो जाता हैं लेकिन फिर भी लोग माइन करते हैं क्यों कि हाल्विंग से बिटकॉइन के प्राइस पर बहुत फ़र्क़ पड़ता हैं जब बिटकॉइन के सप्लाई लिमिटेड होती हैं तो प्राइस के भी बढ़ने के चान्सेस बढ़ते हैं।  जिससे मिलने वाला रिवॉर्ड प्रॉफिट के रूप में MINERS को मिलता हैं।
  • इसके अलावा बिटकॉइन के नेटवर्क पर होने वाली ट्रांसक्शन्स और नेटवर्क को मेन्टेन रखने के लिए भी MINERS को रिवॉर्ड प्राप्त होता हैं।  इसलिए बहुत सारे MINERS बिटकॉइन की माइनिंग करते हैं।

बिटकॉइन की हाल्विंग से प्राइस पर प्रभाव ( Impact of Bitcoin Halving on Price in Hindi )

बिटकॉइन की हाल्विंग से बिटकॉइन के प्राइस पर कितना प्रभाव पड़ता हैं आईये जानते हैं।

  • डिमांड एंड सप्लाई से Rule के हिसाब से बिटकॉइन की सप्लाई को लिमिटेड काढ़ा जाता हैं क्यों कि जहाँ सप्लाई बढ़ जाती हैं वहां डिमांड काम हो जाती हैं और प्राइस गिर जाता हैं।  इसको मेन्टेन रखने के लिए हाल्विंग ज़रूरी होता हैं।
  • साल 2016 में हाल्विंग होने से कुछ दिन पहले तक बिटकॉइन 660 $ पर ट्रेड कर रहा था।  बिटकॉइन हाल्विंग होने से इसमें गिरावट हुयी और इसका प्राइस गिरकर 533 $ तक चला गया।  ऐसा अक्सर देखा गया हैं  बिटकॉइन हाल्विंग के कुछ दिनों के अंतराल के बाद प्राइस में एक बड़ा पंप आता हैं।  इसके कुछ महीने बाद ही यानि कि साल 2016 के अंत में बिटकॉइन ने अपना ALL TIME HIGH बनाया था जो कि 20,000 $ था। इसका मतलब हैं कि कुछ ही महीने में बिटकॉइन ने लगभग 2900 % तक का प्रॉफिट ट्रेडर्स को दिया था।
  • इसी तरह से साल 2020 में भी हाल्विंग के वक़्त हुआ।  जब बिटकॉइन का प्राइस 12000 $ पर था।  बिटकॉइन हाल्विंग होने के कुछ दिनों के बाद प्राइस में बड़ी गिरावट हुयी।  लेकिन एक अच्छा प्रॉफिट सही वक़्त का इंतज़ार रहा था। कुछ ही महीनो के बाद यानि कि साल 2021 में बिटकॉइन ने अपना फिर से नया ALL TIME HIGH बनाया जो कि 68000 $ था।  और एक बार फिर इसने ट्रेडर्स को अच्छा मुनाफा प्रदान किया।




2024 में Bitcoin Halving के बाद क्या होगा ?

Bitcoin Halving का अगला इवेंट साल 2024 में होना हैं।  जिस तरह से क्रिप्टो मार्किट पिछले कुछ सालों से परफॉर्म कर रहीं हैं।  एक्सपर्ट्स की राय में बिटकॉइन एक बार फिर से इतिहास तो दोहरा सकता हैं।  मार्किट का ट्रेंड और चार्ट्स का ट्रेंड भी इसी ओर इशारा भी कर रहे हैं।  साल 2024 तक मार्किट के एक लिमिट जोन में चलने की उम्मीद हैं।  लेकिन जैसा की पिछले 12 सालों में होता आया हैं।  कि हाल्विंग बे बाद बिटकॉइन करेंसी एक नया ALL TIME HIGH बनती हैं।  तो साल 2024 – 2025 तक हमें बिटकॉइन का नया high देखने को मिल सकता हैं।

Bitcoin Halving बिटकॉइन के नेटवर्क को कैसे प्रभावित करता है ?

Bitcoin Halving हर चार साल में होने वाला  एक बहुत बड़ा इवेंट हैं जिसका प्रभाव बिटकॉइन नेटवर्क के साथ-साथ पुरे क्रिप्टो मार्किट पर पड़ता हैं।  जिसमे बहुत सारे Alt Coins भी शामिल होते हैं। इसलिए बिटकॉइन नेटवर्क से जुड़े हुए कुछ प्रमुख दलों पर भी इसका एफेक्ट होता हैं। जिसे कि

Bitcoin Halving का Investors पर प्रभाव

अभी तक हुए सारे हाल्विंग इवेंट्स के इतिहास को देखे तो इन्वेस्टर्स के लिए ये इवेंट एक अच्छा मुनाफे का इवेंट साबित हुआ हैं।  HALVING के वजह से सप्लाई का कम होना और डिमांड का बढ़ना इन्वेस्टर्स को एक बढ़िया मुनाफा लगातार देता रहा हैं।  आने वाले वक़्त में भी हाल्विंग का इवेंट मुनाफे का सौदा साबित हो सकता हैं।

Bitcoin Halving का Miners पर प्रभाव

इतिहास में जिस तरह से हाल्विंग इवेंट के बाद बिटकॉइन क्रिप्टो कॉइन में ग्रोथ हुयी हैं उसने MINERS को भी एक ज़बरदस्त फायदा पहुँचाया हैं।  ये बात सच है की हर एक हाल्विंग इवेंट के बाद MINERS के रिवॉर्ड को आधा कर दिया जाता हैं लेकिन इसके बाबजूद बिटकॉइन का प्राइस जिस रफ़्तार से बढ़ा हैं। माइन किये हुए बिटकॉइन को MINERS ने बहुत ऊँचे दामों पर सेल किया है। और एक ज़बरदस्त मुनाफा भी कमाया हैं।




सारे बिटकॉइन के माइन होने पर क्या होगा ?

जैसा कि अनुमान है कि साल 2140 तक सारे बिटकॉइन की माइनिंग पूरी हो जाएगी और सारे बिटकॉइन मार्किट में ट्रेड के लिए उपलब्ध हो जायेंगे। लेकिन MINERS को जो रिवॉर्ड मिलता हैं वो केवल बिटकॉइन की माइनिंग पर ही नहीं मिलता हैं वल्कि बिटकॉइन की ट्रांसक्शन्स पर और हर एक ट्रांसक्शन के validate करने पर भी MINERS को रिवॉर्ड दिया जाता हैं।

सारे बिटकॉइन के माइन हो जाने पर भी MINERS का ये रिवॉर्ड उनको मिलता रहेगा।  और ये रिवॉर्ड एक अच्छी इनकम कमाने की सुविधा देता हैं। हर एक ट्रांसक्शन होने पर MINERS को ट्रांसक्शन्स फीस में से कुछ बिटकॉइन रिवॉर्ड के रूप में मिलते हैं। भविष्य में ये रिवार्ड्स के अनुपात और ज्यादा बढ़ने का अनुमान हैं।  जितनी बड़ी संख्या में बिटकॉइन की ट्रांसक्शन होती हैं उतना ही ज्यादा ट्रांसक्शन्स फीस भी लगती हैं और MINERS को रिवॉर्ड भी उतना ही ज्यादा मिलता हैं।